Buddha Purnima 2017 |
Happy Buddha Purnima : Buddha Purnima is a festival was celebrated by all the Buddhists mostly in India even in some South-East Asian countries including Nepal. Buddha Purnima is also known as Buddha Jayanti also known as Vesak, Buddha Purnima or Buddha Jayanti, the festival celebrates the birth of Siddhartha Gautam, who later became Gautam Buddha, the founder of Buddhism religion. ......
एक गर्म दोपहरी थी। भगवान बुद्ध नदी किनारे चले जा रहे थे। आस-पास कहीं कोई वृक्ष नहीं था। चारों ओर बालू का विस्तार फैला हुआ था। भगवान के पैरों की चित्रवत छाप से बने निशान अति सुंदर लग रहे थे। दूर तक कोई बड़ा पेड़ न होने के कारण पास ही एक कैंदु की झाड़ी की छांव तले वह विश्राम करने लगे।
उधर से काशी से ज्योतिष पढ़कर एक महापंडित अपने घर लौट रहा था। गर्मी के कारण वह बैलगाड़ी से उतर कर पानी पीने नदी के किनारे आया। वह सोचने लगा कि इस दोपहरी में ये पदचिह्न इस जंगल में कैसे हो सकते हैं।
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अगर लक्षणों को देखें, तो बारह वर्ष तक मैंने जो सीखा है। क्योंकि चरणचिह्न पर जो रेखाएं थीं, वे उन शास्त्रों के अनुसार चक्रवर्ती सम्राट की होनी चाहिए। लेकिन जिस व्यक्ति को वह सामने लेटा देख रहा था, वह तो भिखारी था। उसके कपड़े फटे हुए, नंगे पैर धूप में चलने से लहूलुहान हो गए थे। पर उसके चेहरे पर तेज था।
Buddha Purnima 2017
एक आभा थी। वह उनके जगने का इंतजार करने लगा। उसके मन में विचारों का झंझावात चल रहा था। अचानक भगवान ने आंखें खोलीं, सामने एक ज्योतिषी को बैठे देखा और मुस्कराए।👵👵👵
ज्योतिषी ने दोनों हाथ जोड़कर निवेदन किया कि आपके पैरों में जो पद्म है, वह अति दुर्लभ है। हमारी ज्योतिष विद्या कहती है कि आपको चक्रवर्ती सम्राट होना चाहिए, परंतु आप तो...।
भगवान बुद्ध हंसे और कहा, जब तक मैं बंधा था इस प्रकृति की पकड़ में, तब तक आपका यह ज्योतिष काम करता था। अब मैं सब बंधनों से मुक्त हो गया हूं। आपका ज्योतिष मुझ पर काम नहीं कर सकता।
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